tag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post2121914176457989911..comments2023-07-07T02:43:20.427-07:00Comments on Shuruwat : जिंदगी सिखाती है कुछ: हाय रे सांवरियाराजीव जैनhttp://www.blogger.com/profile/07241456869337929788noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post-10294500005515032082007-11-26T23:31:00.000-08:002007-11-26T23:31:00.000-08:00राजीव भाई प्रयोग जब सफल हो जाए तो महान, अद्भुत कहल...राजीव भाई <BR/>प्रयोग जब सफल हो जाए तो महान, अद्भुत कहलाता है ,और व्यक्ति जीनिअस तथा दूरदर्शी ,प्रयोग जब असफल हो जाए तो मूर्खता और व्यक्ति ....<BR/>ग़लत बोला अपुन ...DUSHYANThttps://www.blogger.com/profile/00269010495016554374noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post-35748748104413596922007-11-16T12:11:00.000-08:002007-11-16T12:11:00.000-08:00राजीव, एक और अच्छी समीक्षा के लिए बधाई, तौलिया डा...राजीव, एक और अच्छी समीक्षा के लिए बधाई, तौलिया डांस का किस्सा मजेदार है . ॐ शान्ति ॐ मैंने देखि है समीक्षा लिखूं क्या.:-)नीलिमा सुखीजा अरोड़ाhttps://www.blogger.com/profile/14754898614595529685noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post-38404613799701540112007-11-15T06:32:00.000-08:002007-11-15T06:32:00.000-08:00सही है.. और अगर सावरिया से इतनी शिकायत है तो ओएसो ...सही है.. और अगर सावरिया से इतनी शिकायत है तो ओएसो मत ही देखना..अभय तिवारीhttps://www.blogger.com/profile/05954884020242766837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post-8321159836843070222007-11-15T05:34:00.000-08:002007-11-15T05:34:00.000-08:00मुझे तो ये फ़िल्म इतनी घटिया लगी, कि अब कोई फ़िल्म...मुझे तो ये फ़िल्म इतनी घटिया लगी, कि अब कोई फ़िल्म देखने के लिये १० बार सोचना पड़ेगा । :-)<BR/>टाइम पास करना ही मुश्किल पड़ गया था ।<BR/>ऐसा लग रहा था कि फ़िल्म दर्शको को चिढ़ाने के लिये बनाई गयी है ।सन्दीप कालाhttps://www.blogger.com/profile/01724656580901305444noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3991743732606832926.post-6687915550363688442007-11-15T01:19:00.000-08:002007-11-15T01:19:00.000-08:00राजीव भाईमुझे लग रहा है कि हमारे यहाँ की जनता फ़िल...राजीव भाई<BR/>मुझे लग रहा है कि हमारे यहाँ की जनता फ़िल्म देखने सिर्फ टाइम पास के लिए जाती है. और इससे ज्यादा नहीं.. और हैप्पी एंडिंग वाला भी एक बड़ा मामला हैं...फ़िल्म मुझे सही लग रही है क्यूंकि इसमे नयापन हैंAshish Maharishihttps://www.blogger.com/profile/04428886830356538829noreply@blogger.com