Saturday, February 28, 2009
यार, किसी कॉलगर्ल का नंबर दे !
एक पुराना दोस्त घर आया। पहले एक कोचिंग सेंटर खोल रखा था, कुछ नया करने की सूझी तो इंश्योरेंस कंपनी ज्वाइन कर ली। मेरा फेवर चाहता था तो कुछ रेंफरेंस मांगने लगा। मैंने कहा यार ये इंश्योरेंस एजेंट इतने हो गए हैं कि आजकल हर घर में कोई न कोई मिल ही जाता है। तो बोला यार ऐसा कर किसी कॉलगर्ल का नंबर दे।
मैंने कहा यार मुझे क्या पता
बोला यार पत्रकार हो, तुम्हारे तो लिंक होते हैं, कहीं कोई पकडी गई होगी, किसी से जान पहचान होगी। मैंने कहा तुझे क्या करना है।
बोला, इंश्योरेंस करना है!
मैंने कहा कॉलगर्ल के इंश्योरेंस का क्या फंडा है
बोला यार काम के साथ साथ समाजसेवा भी करो, मैंने कहा इसका मतलब बोला कि इंश्योरेंस उस आदमी को बेचो जिसको इसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो। मैंने कहा कि कॉलगर्ल ही क्यूं
बोला यार चालीस पार कौनसी कॉलगर्ल काम की रहती है, न जॉब सिक्योरिटी न कोई सामाजिक प्रतिष्ठा इसलिए इंश्योरेंस की जरूरत तो सबसे ज्यादा उन्हें ही है। और कंपनी को क्या फर्क पडता है कि इंश्योरेंस का खरीदार कौन है। मैंने कहा बात तो सही है।
वो कहने लगा कि काम करो पर नए स्टाइल से, शायद ये यूनिक आइडिया है और इसके हिसाब से ही मेरा काम आगे बढ जाए। मैंने कहा सही है पर यार अपन के पास ऐसा कोई रेफरेंस नहीं है।
फिर उसने सुनाया कॉलगर्ल को इंश्योरेंस पॉलिसी समझाने का पहला किस्सा
आप भी गौर फरफाइये
बोला किसी से रेफरेंस लेकर नंदपुरी में एक ब्यूटी पार्लर की आड में चल रहे अडडे में कॉलगर्ल से मिलने गया। वहां जाकर फोन किया। वो नीचे आने को तैयार नहीं हुई तो ऊपर चला गया। दिल में धुकधुकी थी कि किसी ने देख लिया या रेड पडी तो क्या होगा। मुलाकाता नहीं थी तो उसने अंदर पहुंचने पर मिसकॉल करके देखा। मिलने के लिए आई समझाने की कोशिश की तो बोली हम पढे लिखे नहीं है, ये सब नहीं समझते आपको सॉरी बोलते हैं इसके लिए।
दोस्त कहता है कि इससे पहले कोई एक बॉडी बिल्डर कमरे से निकलकर बाहर आ गया था, वह डर के मारे कांप रहा था। कहीं बाहर निकलते ही पीट न दे। खैर वो थैंक्स बोलकर बाहर निकल आया। बाइक स्टार्ट की और चौराहे पर पहुंचकर बंद कर ली। पांच मिनट रुका एक पुडिया खाई और फिर जाकर दम लिया। यह कॉलगर्ल से मिलने के बाद की हालत थी , फिर भी उसने हिम्मत नहीं हारी है।
उसी क्रम में मुझ से ही पूछ लिया कि कॉलगर्ल का नंबर है क्या, उसे उम्मीद है कि एक बार वह कॉलगर्ल को कन्वेंस करने में कामयाब हो गया तो बस उसकी निकल पडेगी।
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7 comments:
फिक्र मत करिए. भारत की अर्थव्यवस्था जिस रास्ते पर है, उस हिसाब से देखें तो 10-20 साल बाद यही एक धन्धा ही बचेगा. फिर इंश्योरेंस किसका करेगा कोई?
आपने मुस्कुराहट ला दी चेहरे पर
Mere Paas Kuch Numbers Hain...Caahiye>>>???
badiya hai.
राजीव मेरे भाई,
कॉल गर्ल के बारे में बुरे विचार क्यों है, मेरे समझ में नहीं आता....
उन्होंने क्या बुरा किया... बस बुलाने पर आ जाती हैं... तो कॉल गर्ल हैं... इसी से इतनी नाराज़गी....
very bad...
jordar hai
wha-2 mujhe ab samaj me aaya ki mujhse number jugadne ke liye kyo bola??
ki ya to policy le le ya kisi call girl ka number de de..
Great Idea
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