Thursday, January 8, 2009

बिल्‍ली रास्‍ता क्‍यूं काटती है


पता नहीं ये ये बिल्‍ली रास्‍ता क्‍यूं काटती है। कल रात की बात है, आफिस से करीब ढाई बजे घर लौट रहा था। आफिस के ही एक साथी दूसरी बाइक पर थे, घर के पास वाली गली पर एक दूसरे को विदा ही कर रहे थे कि एक बिल्‍ली पर मेरी नजर पडी, वो मेरा रास्‍ता काट रही थी।
यूं तो मैं इन सब चीजों में विश्‍वास नहीं करता पर कहते हैं न‍ जिंदा मक्‍खी निगली नहीं जाती। मैंने यह बात साथी को बताई तो उन्‍होंने कहा कि अगली गली से निकल जाना।

फिर क्‍या था मैं बिल्‍ली को चकमा देकर गली के दूसरे छोर से होकर घर पहुंच गया। रोज की तरह घर पहुंचकर छोटे भाई का मोबाइल बजाया। एक बार में कोई रेस्‍पॉन्‍स नहीं मिला तो करीब 25 मिनट तक मोबाइल और गेट बजाता रहा। शायद पडोसी उठ गए पर अंदर के दो कमरों में सो रहे निर्दयी दो जनों ने गेट और मोबाइल की आवाज न सुनी, तो मुझे समझ आया कि मैं बिल्‍ली को चकमा नहीं दे पाया।
पता नहीं ये ये बिल्‍ली का करिश्‍मा था या फिर भाई का जायज कारण कि जब मोबाइल की बैटरी कम चार्ज होती है तो उसके हैंडसेट से रिंग की आवाज नहीं आती।
खैर सवा तीन बजे छोटे ने मेरे गेट खटखटाने की आवाज सुनी गेट खोला। मैंने हमेशा कि तरह कहा कि कितनी देर से बजा रहा हूं। उसने कहा कि नहीं तो और रिजाई में घुस गया।

11 comments:

महेंद्र मिश्र.... said...

बिल्ली इसीलिए आपका रास्ता कटती है कि उसे डर रहता है कि उसके पहले आप उसका रास्ता न काट जाए . हा हा

निर्मला कपिला said...

main bhi aapko comment dene lagi to bili mera rasta kaat gayee phir kyaa thaa net ban band ho gaya janaab dobara bili se chhup kar aayee hoon

TARUN JAIN said...

billi kaunsi wali thi

somadri said...

Smart cat beats shakti kapoor(of journalism)

Dileepraaj Nagpal said...

आपने बिल्ली को देखकर गाना गा देना था...कैसे मुझे तुम मिल गई...किस्मत पे आए न यकीन...वैसे हो सकता है कि बिल्ली ने भी ब्लॉग लिखा हो-पत्रकार रास्ता क्यूँ काटते हैं...

Amit Kumar Yadav said...

आपकी रचनाधर्मिता का कायल हूँ. कभी हमारे सामूहिक प्रयास 'युवा' को भी देखें और अपनी प्रतिक्रिया देकर हमें प्रोत्साहित करें !!

Unknown said...

hadd hai yaar main ek raat gate nahi khola to publically mujhe gali doge n roze jab raat ko uth ke gate kholta huu tab kisi ko nahi bataya....


sahi hai sayad lagta hai bado ne sahi kaha hai ki "logo ko kisi achayi kabhi najar nahi aati burayi bahut jaldi pakad lete hai"

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

फिर भी शुक्र मनाइए कि भाई ने दरवाजा तो खोला सर्दी में बाहर नहीं सोना पड़ा।

हरकीरत ' हीर' said...

भाई ने दरवाज़ा नही खोला... बिल्ली की वज़ह से नही बैट्री लो होने की वज़ह से ...ये सारे हमारे दिल क वहम हैं . बिल्ली तो बहुत प्यारा जानवर है उस मासूम को दोष मत दीजिये ....कुछ न कुछ घटनाएँ तो जीवन में होती ही रहती हैं ...

m said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

sir billi apne saath plague ke jerms le kar jati hai ishliye thoda rukh jana chaiye.

RAVI, DELHI