ब्लॉग पर लिखे आजकल कई दिन बीत जाते हैं। शादी के बाद से (1 जुलाई) ब्लॉग पर सक्रियता कम हो गई। इस बीच दिलीप नागपाल ने ब्लॉग बडी या बीवी लिखकर मुझे मजबूर कर दिया कि मैं कोई प्रतिक्रिया दूं।
कारण कई हैं।
पहला तो ये कि मकान चेंज करने के बाद से इनदिनों घर पर नेट कनेक्शन नहीं है। नया कौनसा लेना है, यह डिसाइड नहीं कर पाया। अगर आपके पास कोई सस्ते प्लान का आइडिया हो तो अवश्य दें।
दूसरा ये हो सकता है कि छुटटी से लौटकर पहले हर ऑफ वाले दिन घर की ओर कूच करना पडता था। अब पत्नी भी जयपुर आ गई है, रूम भी व्यवस्थित हो गया है। ये समझिए ब्लॉग पर वापसी के दिन फिर शुरू होने वाले हैं। बस इतने दिन इसलिए लग रहे हैं क्योंकि मुझे पता है कि अगर अखबार के बाद दिन के पांच घंटे वो मुझे लैपटॉप पर देखेगी, तो शायद तलाक ही हो जाए ! :))
इसलिए पहले उसे भी ब्लोगिंग सिखाने की कोशिश कर रहा हूं। दुआ कीजिए कि आपको एकसाथ दो दो ब्लॉगची दिखाई दें। ब्लॉग का समय आजकल बीवी के बाद टीवी के नसीब में है। पर आप चिंता न कीजिए लिख कुछ नहीं रहा, पर थोडा ही सही, पढ सभी को रहा हूं।
5 comments:
राजीव, 'तलाक' जैसे मनहूस शब्द का नाम न लें.
और भाभीजी को ब्लॉगिंग सिखाने से पहले अच्छे से सोच लें. ये लत बुरी है. बाद में आप दोनों झगड़ने न लगें की कौन अपनी पोस्ट लिखेगा. :)
यही तो गोल्डन पीरियड है! इसका लुत्फ़ लें. ब्लॉगिंग के लिए तो जिन्दगी पडी है!
sahi hai bhai..
ab bhabhi ko bhi sikha hi do blogging.. phir laptop ke liye larna.. :P
pahle ghar ghrahasthi per dhyaan do, blog to karte rahna baad me..
waise hume intejaar rahta hai aapke blogs ka..
Are Aapne To Meri Baat Dil Per Le Li...Bhabhi Jee Mujhe Bura-Bhala Kahengi, Agar In Dino me Bhi Aap Bloging Me Lage Rahe...
ab to bhabhijee ki noc leni padegi
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