Wednesday, June 30, 2010

इस मौसम विभाग को बंद कर दो

हिन्‍दुस्‍तान में मुफत की सलाह देने का शौक है। अपन का भी मन हुआ कुछ सलाह दी जाए। सरकार को दो डिपार्टमेंट बिल्‍कुल बंद कर देने चाहिए और इनकम बढाने के लिए तीसरा विभाग खोलना चाहिए।
पहला मौसम विभाग, किसी काम का नहीं, जो कहे सो होना नहीं। इतने दिन से चिल्‍ला चिल्‍ला कर कह रहे थे 15 जून तक मानसून आ जाएगा, इस बार मानसून अच्‍छा है। अपने दिमाग में उसी दिन खटका हुआ, कि इस बार तो बारिश गायब समझो। भगवान न करे ऐसा हो, पर लग नहीं रहा कि इस बार ज्‍यादा बारिश होगी। यानी ऐसा डिपार्टमेंट जिसकी एक भी भविष्‍यवाणी आजतक सही निकली। और तो और केंद्र सरकार ने इस बेमतलब के विभाग के लिए करोडों रुपए स्‍वीकृत कर रखें हैं ताकी मौसम का 24 घंटे वाला चैनल शुरू किया जा सके। अब बताइये जरा, जो करोडों हिन्‍दुस्‍तानियों के इंतजार की घडियां ठीक ठीक न बता सकें उस विभाग को पालने पोसने का क्‍या फायदा। इससे तो यह काम ज्‍योतिषियों को ही दे दें। इनसे अच्‍छी घोषणा तो वे ही कर देंगे !

(चित्र गूगल बाबा के सहयोग से )

दूसरा है अपना देवस्‍थान विभाग (राजस्‍थान का ऐसा विभाग जो मंदिरों की देखरेख करता है, शायद सिर्फ राजस्‍थान में ही है)। अब बताइये सरकार है धर्मनिरपेक्ष और सरकार ने एक विभाग बना रखा है, जो मंदिरों और भगवानों की पूजा पाठ व देखरेख कराए। तब भी मंदिरों के हालत ऐसे कि आप शरमा जाएं। इससे तो इस विभाग को बंद कर दें ताकी इस विभाग की फाइलों पर खर्च होने वाले बजट से ही किसी मंदिर का न सही किसी भक्‍त का ही भला हो।

अब बात करें फायदे की
इन दो विभागों को बंद करके सरकारों को तबादला विभाग खोलने चाहिए। हर टांसफर की रेट फिक्‍स हो, पब्लिक भी खुश और सरकार भी। जिसे कराना है तबादला वो तो आज भी पैसा खर्च कर ही रहा है, अब सरकार के पास जाएगा तो थोडा बहुत वापस पब्लिक तक भी पहुंचेगा, वर्ना नेता और बिचौलिए पूरा ही खा रहे हैं।

Thursday, June 10, 2010

रूठने से बढती है सुंदरता

कोई भी क्रीम लगाने से आदमी गोरा नहीं होता सुंदर बनना है तो औरतों को रुठना आना चाहिए क्‍योंकि अपन के धर्मेंद्रजी कह कर गए हैं कोई हसीना जब रूठ जाती है तो और भी हसीन हो जाती है। इसलिए अब क्रीम की कंपनियां अपनी मार्केटिंग में इस फार्मूले का इस्‍तेमाल कर सकती हैं।

यह तो इकलौता गाना है अपन को और भी बहुत सारे गाने समझ नहीं आते।
जैसे एक गाना है ओ हसीना जुल्‍फों वाली। अपन सच बता रहे हैं आज तक अपन ने कोई गंजी लडकी नहीं देखी।
पोस्‍ट छोटी है, पर काम की है बस यूं समझ लीजिए महीनों का गेप हो गया तो लिखने की आदत खत्‍म हो गई। आठ महीने के अंतराल के बाद लिखा है पर अब आपको दनादन पोस्‍ट मिलती रहेंगी।


खूब सारी शिकायते थीं मुझसे
बहुत सारे शुभचिंतक साथियों ने मुझे खूब मेल भेजे। कई लोगों ने सामने ही टोक दिया। किसी ने लिखा शादी के बाद ब्‍लॉग का समय बीवी को दे दिया। यहां तक हुआ कि एक मित्र ने तो मजाक में मेरे ब्‍लॉग की तीये की बैठक तक का आयोजन वाला मेल ही मुझे भेज दिया। पर अब आपकी शिकायतें दूर हो जाएंगी। सुन रहे हो न दीपू, संदीप और सुधाकरजी।