Tuesday, January 27, 2009

आइये दो करोड रुपए जीतें

‘स्‍लमडॉग मिलेनियर’ फिल्‍म देखकर मैंने उस फिल्‍म में पूछे गए सारे सवाल इकटठे करने की कोशिश की है। अब आप भी खेलकर देखिए कि अगर स्‍लम के जमाल की जगह हू वान्‍ट़स टु मिलेनियर में अनिल कपूर के सामने आप बैठे होते तो कितने रुपए जीत सकते थे।

एक हजार रुपए के लिए पहला सवाल
1: वर्ष 1973 की हिट फिल्‍म जंजीर का हीरो कौन था?
अ- अमिताभ बच्‍चन
ब- राजेश खन्‍ना
स- देव आनंद द- विनोद खन्‍ना

चार हजार रुपए के लिए दूसरा सवाल
2: हमारे राष्‍टीय चिन्‍ह जिसमें तीन शेर बने होते हैं, उसके नीचे क्‍या लिखा है
अ- सत्‍य की जीत होती है
ब- असत्‍य की जीत होती है
स- फैशन की जीत होती है
द- रुपए की जीत होती है

16 हजार रुपए के लिए तीसरा सवाल
3: भगवान राम के दाएं हाथ में क्‍या होता है
अ- फूल
ब- तलवार
स- बच्‍चा
द- तीर कमान


एक लाख रुपए के लिए चौथा सवाल
4: दर्शन दो घनश्‍याम गाना किस भारतीय कवि ने लिखा ?
अ- सूरदास
ब- तुलसीदास
स- मीराबाई
द- कबीर
(हालांकि फिल्म मे´ इस सवाल का जवाब सूरदास बताया गया है, लेकिन इसके चारों ऑप्शन ही गलत हैं। सही जवाब गोपाल सिंह नेपाली है।)
दस लाख रुपए के लिए पांचवां सवाल
5: अमेरिकन सौ डॉलर पर किस अमेरिकन हस्‍ती का चित्र बना हुआ है
अ- जॉर्ज वाशिंगटन
ब- फ्रेंकलिन रुजवेल्‍ट
स- बेंजमिन फ्रेंकलिन
द- अब्राहिम लिंकन

पच्‍चीस लाख रुपए के लिए छठा सवाल
6: रिवाल्‍वर का अविष्‍कार किसने किया।
अ- सैमुअल कॉल्‍ट
ब- ब्रूस ब्राउनिंग
स’ डान वेसन
द ‘ जेम्‍स रिवाल्‍वर

पचास लाख रुपए के लिए सातवां सवाल
7: कैंब्रिज सर्कस इंग्‍लैंड के किस शहर में है।
अ-आक्‍सफोर्ड
ब-लीडस
स-कैंब्रिज
द-लंदन

एक करोड के लिए आठवां सवाल
8- किस क्रिकेटर से सबसे ज्‍यादा फर्स्‍ट क्‍लास शतक बनाए हैं
अ सचिन तेंदुलकर
ब रिकी पॉटिंग
स ब्रायन लारा
द जेक जेकॉब्‍स


9: दो करोड रुपए के लिए आखिरी सवाल
अलेकजेंडर की किताब द थ्री मस्‍कीटियर में पहले दो मस्‍कीटियर एथोज और पोरथोज थे। तीसरे मस्‍कीटियर का नाम क्‍या है।
अ अरामिस
ब कार्डिनल रिशेलू
स अर्गनन
द पल्‍नचेट

Thursday, January 22, 2009

आओ स्‍लमडॉग मिलेनियर देखें



जयपुर में साहित्‍य सम्‍मेलन शुरू होने वाला था। पहले दिन स्‍लमडॉग मिलेनियर वाली किताब “क्‍यू एंड ए” के विश्‍वास स्‍वरूप को आना था। मैं किताब नहीं पढ पाया इसलिए मैंने सोचा कि स्‍लम डॉम मिलेनियर देखकर ही उसकी कहानी का अंदाजा लगा लिया जाए ताकि उनको सुनने और समझने में कोई दिक्‍कत न आए। इत्‍तेफाक की बात थी‍ कि ऑफिस से लौटते समय किसी ने कहा कि नेट पर स्‍लमडॉग पूरी है, चाहिए क्‍या।
बस मैं ले आया और रात भर जगकर मैंने स्‍लमडॉग देखी।
फिल्‍म अच्‍छी है बस कुछ बात खटकती है जिसे आगे आप पढेंगे, बस एक चीज है कि दुनिया में वो चर्चा में आई जिसमें हमारी गरीबी दिख रही है, मुंबई की गंदगी दिख रही है। पर गालियों को छोड दिया जाए तो फिल्‍म अच्‍छी है।

आइए अब आपको बताऊं फिल्‍म की कहानी
जमाल मलिक एक मुसलिम बच्‍चा है जो मुंबई की एक झुग्‍गी बस्‍ती में है, दंगों में हिंदुओं ने उसकी मां को मार दिया। उसका एक बडा भाई है, जो अब किसी डॉन के लिए काम करता है और वह खुद किसी कॉल सेंटर में चाय सर्व करता है। इत्‍तेफाक से कौन बनेगा करोडपति में पहुंच जाता है। यहां अनिल कपूर (शो के प्रस्‍तोता) उससे सवाल पूछ रहे हैं और एक दिन का एपिसोड खत्‍म होने तक एक करोड रुपए जीत चुका है। अनिल कपूर को जमाल पर शक हो जाता है कि एक चाय वाला “हू वान्‍ट़स टु मिलेनियर” में कैसे जीत सकता है। इसी शक में अनिल उसे पुलिस के हवाले कर देता है और पुलिस से पूछताछ में पता चला है कि उसकी जिंदगी कैसे गुजरी।

हर सवाल का जवाब कहीं न कही उसकी जिंदगी से जुडा होता है और कहानी आगे रफ़तार पकडती है। कहानी फ़लैशबैक में चलती है।
मां की मौत के बाद जमाल और उसके भाई सलीम को बच्‍चों से भीख्‍ा मंगवाने वाले गिरोह के लोग पकड लाते हैं। वो जमाल की आंख निकालकर अंधा कर ही रहे होते हैं कि दोनों भाई वहां से बाहर निकलते हैं और देश भर में घूमते हुए वापस दिल्‍ली पहुंचते हैं। इस बीच में छोटी जिंदगी में अनाथ बच्‍चे जिंदगी के बहुत सारे तजुर्बे प्राप्‍त करते हैं।
बच्‍चों की बाल सुलभ अदाएं फिल्‍म की कहानी के साथ रोचकता बनाए रखती है। फिल्‍म में जमाल के रूप में तीनों ही बच्‍चों ने बहुत ही बेहतरीन अभिनय किया है।
कहानी के साथ साथ बाद में पता चलता है कि जमाल सही था और उसने कोई फर्जीवाडा नहीं किया। अगले दिन शो फिर होता है और जमाल दो करोड रुपए जीत जाता है।
वैसे यह फिल्‍म भारत में आज रिलीज होने को है। मैंने अंग्रेजी वर्जन देखा है।

अब इसकी एक कमजोरी
यह बात इस फिल्‍म को गोल्‍यडन ग्‍लोब मिलने के बाद जयपुर में पत्रकारों से बातचीत में फिल्‍म के ही एक करदार इमरान खान ने भी कही। कि झुग्‍गी का एक बच्‍चा बेधडक अंग्रेजी बोलता है और हू वान्‍टस टु मिलेनियर में पहुंच जाता है। यह बात हिंदी के दर्शक पचा नहीं पाएंगे। यही बात मुझे कई बार क्लिक की। पर फिल्‍म अंग्रेजी में है इसलिए हो सकता है ऐसा करना पडा हो अब हिंदी वर्जन में क्‍या होगा यह देखने की बात है।
फिल्‍म का म्‍यू‍जिक बहुत ही अच्‍छा है, जय हो और रिंगा रिंगा रहमान के खास अंदाज में हैं। पूरी फिल्‍म में काम लिया गया बैकग्राउंड म्‍यूजिक भी अच्‍छा है।

Thursday, January 8, 2009

बिल्‍ली रास्‍ता क्‍यूं काटती है


पता नहीं ये ये बिल्‍ली रास्‍ता क्‍यूं काटती है। कल रात की बात है, आफिस से करीब ढाई बजे घर लौट रहा था। आफिस के ही एक साथी दूसरी बाइक पर थे, घर के पास वाली गली पर एक दूसरे को विदा ही कर रहे थे कि एक बिल्‍ली पर मेरी नजर पडी, वो मेरा रास्‍ता काट रही थी।
यूं तो मैं इन सब चीजों में विश्‍वास नहीं करता पर कहते हैं न‍ जिंदा मक्‍खी निगली नहीं जाती। मैंने यह बात साथी को बताई तो उन्‍होंने कहा कि अगली गली से निकल जाना।

फिर क्‍या था मैं बिल्‍ली को चकमा देकर गली के दूसरे छोर से होकर घर पहुंच गया। रोज की तरह घर पहुंचकर छोटे भाई का मोबाइल बजाया। एक बार में कोई रेस्‍पॉन्‍स नहीं मिला तो करीब 25 मिनट तक मोबाइल और गेट बजाता रहा। शायद पडोसी उठ गए पर अंदर के दो कमरों में सो रहे निर्दयी दो जनों ने गेट और मोबाइल की आवाज न सुनी, तो मुझे समझ आया कि मैं बिल्‍ली को चकमा नहीं दे पाया।
पता नहीं ये ये बिल्‍ली का करिश्‍मा था या फिर भाई का जायज कारण कि जब मोबाइल की बैटरी कम चार्ज होती है तो उसके हैंडसेट से रिंग की आवाज नहीं आती।
खैर सवा तीन बजे छोटे ने मेरे गेट खटखटाने की आवाज सुनी गेट खोला। मैंने हमेशा कि तरह कहा कि कितनी देर से बजा रहा हूं। उसने कहा कि नहीं तो और रिजाई में घुस गया।