जिंदगी है छोटी, हर पल में खुश रहो
ऑिफस में खुश रहो, घर में खुश रहो
आज पनीर नहीं है, दाल में ही खुश रहो
आज जिम जाने का समय नहीं, दो कदम चलकर ही खुश रहो
आज दोस्तों का साथ नहीं, टीवी देखकर ही खुश रहो
घर जा नहीं सकते, फोन करके ही खुश रहो
आज कोई नाराज है, उसके इस अंदाज में भी खुश रहो
जिसे देख नहीं सकते, उसकी आवाज में भी खुश रहो
जिसे पा नहीं सकते, उसकी याद में ही खुश रहो
लेपटॉप न मिले तो क्या, डेस्कटॉप में ही खुश रहो
बीता हुआ कल जा चुका है, उससे मीठी यादें हैं उनमें ही खुश रहो
आने वाले पल का पता नहीं, सपनों में ही खुश रहो
जिंदगी है छोटी हर पल में खुश रहो
1 comment:
ye sabse achchi lagi.. khush rahna bhi ak art h
Post a Comment