मैं बहुत िदनाें से िहंदी िलखने का तरीका खााेज रहा थाा इंटरनेट पर पर अाज की रात मैं अािखरकामयाब हाे ही गया। मुझे इतनी खुशाी हुइऍ की मैं अापकाे बता नहीं सकता। राेज कुछ िलखने का िदल करता है पर जब तक मैं कागज पैन उठाता हूं अ॥सर पैन काॅपी उठाता हूं िदमाग से अाइिडया ही उडन छू हाे जाता है। लेिकन लगता है बंदर के हाथ अब नािरयल लग ही गया है। यहां मुझे िलखने से काेइऍ राेक नहीं सकता हैॊ अब अाप झेिलए मुझेॊ
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