Tuesday, October 30, 2007

जयपुर में नाइट शिफ्ट में महिला पत्रकार


मुझे याद है कि नीलिमाजी ने ही एक दिन लिखा था कि अखबारों में महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम क्‍यूं नहीं दिया जाता। अखबार में नाइट शिफ्ट में महिलाएं क्‍यूं नहीं होतीं। उन्‍हें सिटी सप्‍लीमेंट और महिलाओं से जुडे परिशिष्‍ठों पर ही क्‍यूं लगाया जाता है।
लगता है उनके ब्‍लॉग पर उनके अखबार के मैंनेजमेंट वालों की नजर पड गया। नीलिमाजी का आजकल पहले पेज पर ट्रान्सफर हो गया है और अब वे देश के सबसे तेजी से बढते अखबार के पहले पेज की टीम में शामिल हो गई हैं। जयपुर में संभवतय वो पहली महिला हैं, जो रात्रि पाली यानी करीब दो बजे तक रुक कर काम कर रही हैं।
मुझे लगा कि इस गौरव पर हम ब्‍लागर्स को उनका उत्‍साह बढाना चाहिए।
उनके उज्‍ज्‍वल भविष्‍य की कामना के साथ।
जय ब्‍लॉग
जय जयपुर

13 comments:

Neeraj Rohilla said...

नीलिमाजी को उनके परिश्रम पर बधाई और आगे भी ऐसी ही उत्कृष्टता से काम करती रहेंगी ऐसी आशा है ।

Udan Tashtari said...

हमारी भी बहुत शुभकामनायें. खूब नाम कमायें एवं तरक्की करें.

Ashish Maharishi said...

राजीव भाई...नीलिमा जी जी सफलता के नए मापदंड तय करें...

Sanjeet Tripathi said...

चलिए नीलिमा जी को फ़्रंट पेज की सिपाही बनने की बधाई और शुभकामनाएं!!

वैसे कभी-कभी भेजा आऊट हो जाता है फ़्रंट पेज पर बैठकर!!

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

धन्यवाद, राजीव आपकी बधाई के लिए और सभी ब्लागर मित्रों की शुभकामनाओं के लिए भी। अभी नई -नई फ्रेंट पेज पर हूं, अभी तो सिखने सिखाने का दौर है( खैर सीखना तो जिन्दगी भर चलता है) पर उम्मीद है कि कुछ अच्छा काम करूंगी।
ब्लाग भी नहीं लिख पा रही हूं जब से रात्रिचर प्राणी बनी हूं पर जल्द ही शुरू करूंगी।

manglam said...

निशाचर ही निशाचर की भावनाओं को समझ सकते हैं। इस नई उड़ान को ब्लॉग-विश्व पर लाने के लिए राजीवजी धन्यवाद के पात्र हैं। निशाचरों की दुनिया में नीलिमाजी का अभिनंदन-स्वागत।

ghughutibasuti said...

नीलिमा जी को मेरी भी शुभकामनाएँ ।
घुघूती बासूती

Unknown said...

neelimaji ko badhai

Aur यार इतना आलसी हॊना भी ठीक नहीं है आपके ब़लाग पर नए िवचारॊ के िलए लॊग बेसबरी से इंतजार कर रहे हैं और आप हैं िक उनींदी अवस़था टूटती ही नहीं कुछ तॊ नया अपलॊड करॊ

cma said...

dair aaye per durusht aaye neelima ji ko badhai aur shubkamnaye.

नीरज गोस्वामी said...

राजीव जी
आज आप के ब्लॉग पर आना हुआ और लगा जैसे जयपुर में अपने परिचितों के बीच हूँ. आप बहुत अच्छा लिखते हैं और व्यंग पर पकड़ बहुत उम्दा है. जयपुर बहुत तेजी से प्रगति पर है, लेकिन अभी भी वहाँ किसी लड़की का रात की पारी में २ बजे तक काम करना हिम्मत का काम माना जाएगा. नीलिमा जी ये हिम्मत दिखाने के बाद वास्तव में बधाई की पात्र हैं.
आप के और उनके उज्जवल भविष्य की कामना के साथ.
नीरज

Rajendra Tripathi said...

Dear Rajiv,
Lgta hai aaj-kal kuch accha padhene k bajae kuch accha likh rahe ho.laki ye accha lekhan kisi kaam ka nahi.Baccha abhi umr hai,kuch likhne m juto,peedhiya yaad karengi.Jhan tak neelima ji k night shift m kaam karne ka hai to koi ajooba nahi. u likha ja raha hai mano bavlo k gamm ut nikal aya hai

राजीव जैन said...

@ rajan

बॉस आपकी बात समझ नहीं आई कि आप तारीफ कर रहे हो या मेरी ही टांग खींच रहे हो
वैसे आप यहां तक आए। आपने सुझाव दिया
धन्‍यवाद

डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल said...

नीलिमा जी को बहुत बहुत बधाई.
राजीव जी के प्रति आभार कि उन्होंने यह महत्वपूर्ण खबर हम सब तक पहुचाई.