Thursday, November 27, 2008
कितना उचित है मुठभेड़ का लाइव
मुंबईमें 11 स्थानों पर आतंकियों ने हमला बोल दिया। हमने कई मुंबई एटीएस के चीफ हेमंत करकरे और उन जैसे 16 जाबाजों समेत 125 लोगों को खो दिया। 300 से ज्यादा लोग अस्पताल में हैं। हमारे टीवी चैनल पिछले 32 घंटों से लाइव कवरेज कर रहें हैं। पर इस लाइव कवरेज के लिए खुद अपनी जान पर खेल रहे हैं साथ ही सैन्य कारüवाई में जुटे हजारों लोगों की जान को संकट में डाल रहे हैं।खबर है कि अति उत्साही न्यूज चैनलों ने अपनी लाइव कवरेज में सीएसटी स्टेशन के पास कारवाई के दौरान हैलमेट और बुलेटप्रूफ जाकेट पहनते हुए दिखाया। टीवी पर यह भी दिखाया गया कि इस कारüवाई की अगुवाई करकरे खुद ही कर रहे हैं। हो सकता है कि आतंकवादी लाइव कवरेज देख रहे हों, इसलिए उन्होंने उनकी गर्दन पर निशाना लगाते हुए गोली चलाई और एक जाबाज शहीद हो गया।ऐसा नहीं है कि पहली बार इलेक्ट्रॉनिक चैनलों ने अपनी सीमाएं तोड़ी हों। आतंकी हमले हो या देश में कोई भी बड़ा हादसा एक्सक्लूसिव और सबसे पहले के चक्कर में ऐसी ऐसी सूचनाएं भी सार्वजनिक कर देते हैं, जिनका जनता से कोई लेना देना नहीं। लगातार इस मुठभेड़ का लाइव देखने वाले किसी मित्र ने बताया कि एक टीवी चैनल ने यह भी बता दिया कि एक आतंकी का मोबाइल गिर गया और पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है। हो सकता है दूसरे आतंकी उससे कभी संपर्क साधते, और पकड़े जाते पर सूचना पहले ही सार्वजनिक कर दी गई। मीडिया में होकर मीडिया की बुराई करना मुझे अच्छा नहीं लग रहा फिर भी लगता है कि अब वक्त आ गया है, जब लाइव कवरेज या इस तरह की आतंकी घटनाओं के समय कवरेज के तरीके पर विचार किया जाए।
लीजिए देश का हर आदमी शोक मग्न है और हमारी राष्ट्रपति हनोई में एक इंटरनेशनल कान्वोकेशन में टोस्ट कर रही हैं।
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12 comments:
आपकी बात सही है मीडिया प्रकारांतर से आतंकवादियों की ही मदद करती है -और उनके मकसद को अंजाम तक पहुचाने में परोक्ष रूप से मदद करती है !
सचमुच बहुत दुखी हूँ -कुछ न कर पाने का आक्रोश ,उससे उत्पन्न क्लैव्यता और हताशा ने किंकर्तव्यविमूढ सा कर दिया है !
देश भक्ति के गीत बजाने वाला मीडिया, टीआरपी के आगे देश को ध्वस्त करने में मदद कर रहा है ।
or kya kare, kuchh to karna hee hai. narayan narayan
aise kamjor logo ko bade pad par bithaker sonia ne desh ko kamjor kar diya hai.
्बहुत सही लिखा आपने।ये लाईव कव्हरेज नही करते लाईव नफ़रत फ़ैलाते है। और हां लाईव के दौरान उनका खुद का प्रचार सबसे ज्यदा चलता है।
aise samay me live coverage ke naam par TRP badane ka sabse achha mouka milta hai news channel walo ko.
राष्ट्रपति??? अच्छा वो… उन्हें तो वहीं रहने दीजिये, यहाँ आकर भी क्या कर लेंगी, यहाँ इतने काबिल पाटिल साहब मौजूद हैं सब सम्भालने के लिये…
हां, अति उत्साह में इलेक्ट्रानिक मीडिया, इस तरह का कवरेज नहीं करता तो हो सकता था कि मरने वालों की संख्या कम होती और करकरे जैसे तीन बड़े अधिकारी बच सकते।
राजनेताओं के तो क्या कहने, वे यहां होते भी तो क्या कर लेते।
koi NSG wala barkha ji aur chaurasiya jee ko do char lappad laga kar delhi ke flight me baitha kar wapas bhej deta to maja aata. both look good in studio. Wahan ground per ek dum pathetic nazar aa rahe the. They should set an example.
स्ट्रेट्रिजिक रूप से तो ग़लत मानता हूँ ,अब एक बाध्यता लगाती है ,वरन कोई आस्तीन का सौंप कल फ़िर किसी 'पूरन चंद्र शर्मा की शहादत पर अंगुली ना उठा सके | यह बाम्बे था वरन दिल्ली बटाला हाउस मुठ भेड़ कांड में भी लाइव लाईव तेली कास्ट हुआ था
भारत की आस्तीन में साँप बहुत है
उपर पगड़ी नीचे साड़ी...कैसे चलेगी देश की गाड़ी... लगता है आपका ब्लॉग पढ़कर ही पाटिल साहब ने इस्तीफा दिया है
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