Tuesday, October 9, 2007

जयपुर की पहली ब्‍लॉगर्स मीट


यूं तो जयपुर में गिने चुने पांच या छह ही ब्‍लॉगर्स हैं अब तक और इत्‍तेफाक से वे भी एक दूसरे को जानते हैं। अब मुंबई से आशीष चला तो पहले ही भडास पर संदेश चस्‍पा कर दिया था कि भई जयपुर आ रहा हूं। इसलिए मिलने की प्‍लानिग करना। सोमवार को ऑफिस से ऑफ मिला तो शाम को मैंने आ‍शीष और नीलिमाजी को जवाहर कला केंद्र ही बुला लिया। शाम छह बजे से शुरू हुई पिंकसिटी की पहली आफिशियल ब्‍लॉगर्स मीट। इस बीच पांच या छह और भी परिचित आते रहे। हम सब मिलकर उन्‍हें ब्‍लॉग के किस्‍से सुना सुनाकर बोर करते रहे। हमनें कई लोगों को याद किया, तकनीक पूछी कि हिंदी कैसे लिखते हो। तय हुआ कि जयपुर में ज्‍यादा से ज्‍यादा ब्‍लॉगर्स बनाए जाएंगे और जल्‍द ही एक बडी ब्‍लॉगर्स मीट रखी जाएगी। सबने एक दूसरे से शेयर किए कुछ आइडिया कुछ पारिवारिक डिटेल और ऐसे ही बतियाते बतियाते साढे आठ बज गए। नीलिमाजी को अपने घर की याद आ गई और करीब ढाई घंटे में हमारी ब्‍लॉगर्स मीट खत्‍म हुई। इस मीटिंग के दौरान खाने पीने का कुल बिल हुआ 106 रुपए जो नीलिमाजी के खाते में ही गया।

अब एक खास लतीफा

ईमानदार पुलिसवाला
हुआ यूं कि मीट खत्‍म करके आशीष का एक परिचित भी आ गया था उससे वहां मिलने और वे दोनों वहां बाहर सिगरेट पीने लगे और मैं और एक मेरा मित्र उनसे गपशप तो मेरा ध्‍यान पडा उस थडीनुमा तिपहिया रिक्‍शे के सामने जेकेके में चल रहे मेले में ही तैनात राजस्‍थान पुलिस का एक जवान आया और टेलीफोन बीडी का एक बंडल मांगा। बदले में जब उसने दस का नोट थमाया तो जितना खुश वो दुकानदार था उससे ज्‍यादा मैं। अब आप पूछेंगे क्‍यूं भई। ईमानदारी से मैंने पहली बार देखा की किसी पुलिसवाले ने बीडी के बंडल के
पैसे दिए हों। वो भी अपने इलाके में।

14 comments:

Ashish Maharishi said...

bahut sahi janab..bhai bad ki chay ka paisa aap hi ne diya hai

नीलिमा सुखीजा अरोड़ा said...

क्या राजीव जी,
ब्लागर्स मीट तो ठीक थी पर बिल में गलती कर गए ना।
दिज वाज अ जोक।
पर इस बहाने आशीष और आपसे मुलाकात हो गई और वर्चुअल दुनिया से निकलकर रीयल दुनिया में भी हम सब लोग मिले, यही इस मीट की उपलब्धि रही साथ ही ब्लॉग के बारे में काफी कुछ नया जाना।

Anonymous said...

बधाई हो भाई, ब्लॉगर मिलन की, मगर विवरण जरा संक्षिप्त लगा.

VIMAL VERMA said...

वर्चुअल दुनिया से निकलकर रीयल दुनिया में भी हम सब लोग मिले,हमारी भी बधाई स्वीकार करे !!!

आलोक said...

वैसे विनय जैन भी जयपुर के ही हैं, पर रहते वहाँ नहीं हैं, पकड़ के रखिए, जब जयपुर आएँ तो।

Sanjeet Tripathi said...

बधाई मीट के लिए!! पर यह क्या आपने तो बहुत थोड़े ही शब्दों मे निपटा दिया न!! तस्वीर रहते तो और अच्छा लगता!!
शुक्रिया!!

राजीव जैन said...

सर आपके कहने पर एक फोटो उपलब्‍ध करवा दी।
वैसे जयपुर में सभी ब्‍लॉगर्स को ढूंढ कर शनिवार दोपहर एक मीट रखी गई है।
उम्‍मीद कीजिए उसमें ज्‍यादा बडा कुछ निकल कर आए।
अगर कोई जयपुरवासी ब्‍लॉगर पढ रहा हो तो
मेल या फोन पर संपर्क करे।

शुक्रिया

Pratik Pandey said...

वाह! बढ़िया। कभी आगरा आएँ तो इस नाचीज़ से भी ज़रूर मिलिएगा।

Udan Tashtari said...

बढ़िया रहा कि आपके शहर में भी ब्लॉगर मीट हो ली. ऐसे ही इतिहास बनता है. :)

आगे भी मेल मुलाकात जारी रहे और हम विवरण पढ़ते रहें. शुभकामनायें.

Jitendra Chaudhary said...

इस ब्लॉगर भेंटवार्ता के लिए बहुत बहुत बधाई। इसी तरह से चिट्ठाकार आपस मे मिलते रहें, कभी अपने शहर मे कभी दूसरे शहर में।

नए चिट्ठाकार बनाने के लिए कार्यशाला का सुझाव अति उत्तम है, रवि(रतलामी) भाई ने रतलाम में इस तरह की एक कार्यशाला आयोजित की थी, उनसे सम्पर्क करके, उस किट को प्रयोग किया जा सकता है।

Srijan Shilpi said...

अच्छा लगा। पिछली बार जब मेरा जयपुर आना हुआ था तो चाहकर भी किसी जयपुरिया हिन्दी ब्लॉगर से मिलना नहीं हो पाया था।

अनूप शुक्ल said...

बढ़िया रही वार्ता, रिपोर्टिंग। बधाई!

anuradha srivastav said...

चलिये जयपुर में भी ब्लागर्स मीट एक सिलसिला तो शुरु हुआ। विस्तार में बताया तो होता कि ब्लागर्स मीट में तय क्या हुआ।

cma said...

chaliye pinkcity mai ek nai shuruwat kabile tarif hai.
lakin lagta hai samay ki kami ki wajah se aapne details nahi di.yadi ees meeting aur bolgers ke shortcoming n advantage pata chalte to shayad behtar hota.
bhai humme to sirf comment padrne aur dene ke saath bolgers ko padrna pasand hai.so chahkar bhi aise meeting mai shamil nahi ho sakte.
aap lage rahiye aur aapna gyan ka khajana bharkar auro ke kaam aate rahiye.
aur ha sir ji ye to nilima ji ka baddrppan tha ki unhone bill diya aur ye aapki safgoi thi ki aapne ees baat ko share kiya.lakin bill to aap logo ko dena chahiye th. it doesnt seem good.