Sunday, September 14, 2008
इंतजार कीजिए इंटरनेट पर राज करेगी हिंदी
इंटरनेट पर हिंदी का तेजी से विकास हुआ है। फोंट की समस्या अब लगभग खत्म हो चुकी है, यूनिकोड फोंट के बाद हिंदी की लगभग सभी वेबसाइट इसी फोंट में आ गई हैं। दो साल पहले तक हिंदी भाषी इंटरनेट पर या तो टूटी-फूटी अंग्रेजी में मेल करता था या फिर रोमनाइज भाषा में, पर अब स्थिति बदल रही है वह अपनी मातृभाषा में ही लिख सकता है, और फोंट भी अटैच करके भेजने का झंझट खत्म। इंटरनेट पर हिंदी में लिखने के लिए अब लिपिका जैसे ऑनलाइन यंत्र आ गए हैं। किसी भी फोंट को यूनिकोड में परिवर्तित करने के लिए ढेरों फोंट परिवर्तक मौजूद हैं।
ब्लॉगिंग ने भी इंटरनेट पर हिंदी के विकास में अहम योगदान दिया है, लोगों को हिंदी में लिखना सिखाया। मैं ऐसे बहुत सारे लोगों से परिचित हूं, जिन्होंने ब्लॉगिंग के लिए ही हिंदी टाइपिंग सीखी, जो नहीं सीख पाए वे भी आसानी से ट्रांसलिट्रेशन के जरिए हिंदी में लिख रहे हैं।
हिंदी लिखने में आसानी का ही असर है कि 2007 की शुरुआत में 500 चिट्ठे वाला ब्लॉगजगत अब छह हजार का आंकड़ा पार कर गया है। 4300 हिंदी ब्लॉग तो अकेले चिट्टाजगत पर ही रजिस्टर्ड हैं। जुलाई 2007 में चिट्टाजगत पर कुल 4000 पोस्ट लिखी गई, जो जून 2008 में 10 हजार से ज्यादा हो गई।
हमें हिंदी के पिछड़ेपन का रोना छोड़कर देखना होगा कि आम आदमी अपनी जुबान में क्या कहना चाहता है। अब लोग ऑरकुट पर भी हिंदी में स्क्रैप भेज रहे हैं, भले ही वो अंग्रेजी को देवनागरी में लिखने से आए। हर वक्त भाषा की शुद्धता का ध्यान रखने वाले हिंदी के बड़े विद्वानों को सोचना होगा कि हम हिंदी को कैसे आमजन की भाषा बनाएं।
बस हमें चिंता इस बात की करनी चाहिए कि कि इंटरनेट पर हिंदी की संदर्भ सामग्री (जैसे विकिपीडिया) को कैसे और ज्यादा समृद्ध बनाया जाए। हमें विषय आधारित चिट्ठे बनाने होंगे। अभी का हाल यह है कि तीस फीसदी लोग तो हिंदी ब्लॉग पर सिर्फ क वितागिरी करते हैं, बाकी इधर-उधर की बातें और समसामयिक चर्चा। एक और चिंता की बात हम हिंदी माध्यम वाले अंग्रेजी विकिपीडिया से सामग्री लेते हैं, लेकिन उसकी एवज में अनुवाद करके हिंदी विकिपीडिया नहीं डालते। हम रोज सिर्फ उस अनुवाद को ही हिंदी विकिपीडिया पर डाल दें तो सालभर बाद यह परिदृश्य बदल जाएगा।
हिंदी के रेफरेंस के लिए काम करने वाले शब्दों का सफर जैसे नियमित चिट्ठों की संख्या एक फीसदी से भी कम है। अब जैसे-जैसे लोगों का इस ओर रुझान बढ़ेगा,विषयों की विविधता बढ़ेगी,लोग जुड़ेंगे। धीरे धीरे ही सही,एक दिन हिंदी भी नेट पर राज करेगी।
(डेली न्यूज़ में हिंदी दिवस पर प्रकाशित असंपादित लेख)
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4 comments:
बहुत सार्थक आलेख.
आपको समय पर जबाब नहीं दे पाया, पत्नी के स्वास्थय के चलते, बहुत क्षमाप्रार्थी हूँ.
आपको हिन्दी दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
जी बिल्कुल सही फ़रमाया है आप ने हिन्दी बहुत ही जल्द इन्टरनेट पर राज करेगी.
आईये मिलकर इसे 25,000 तक पहुंचा दें सन 2010 के अंत के पहले !!
-- शास्त्री जे सी फिलिप
-- बूंद बूंद से घट भरे. आज आपकी एक छोटी सी टिप्पणी, एक छोटा सा प्रोत्साहन, कल हिन्दीजगत को एक बडा सागर बना सकता है. आईये, आज कम से कम दस चिट्ठों पर टिप्पणी देकर उनको प्रोत्साहित करें!!
राजीव जी आपने बिल्कुल सही फरमाया है कि जल्दी ही इंटरनेट पर हिन्दी राज करेगी ।
मैं स्वयं ब्लॉगिंग जगत में हिन्दी के प्रचार -प्रसार से काफी उत्साहित हूं । यदि ब्लॉगिंग की दुनिया में हिन्दी न होती तो शायद मैं भी यहां नहीं होती ।
मुझे फख्र है कि मेरी हिन्दी अच्छी है और मैं अपने विचारों का आदान - प्रदान आसानी से कर पाती हूं ।२००७ में ४००० तो २००८ में १०हजार का आंकडा़ वाकई तारीफे काबिल है । हम उम्मीद करते हैं कि २०१० तक यह आंकडा़ दस-बीस - तीस नहीं बल्कि एक लाख तक पहूंच जाएगा ।
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