कविता, कवि सम्मेलन और उससे संबंध रखने वाले लोगों के लिए खुशखबरी है। जयपुर के हास्य कवि सुरेंद्र दुबे ने `कवि सम्मेलन समाचार´ नाम से एक मासिक पत्रिका शुरू की है। इस मैग्जीन के हर अंक की कीमत 25 रुपए रखी गई है, वार्षिक शुल्क 150 रुपए है।
पहला अंक बाकी मैग्जीन्स के प्रवेशांक की तुलना में सुंदर और पठनीय बन पड़ा है। यह अपने आप में इकलौती पत्रिका है, जिसमें कविता और उससे जुड़ी जानकारी विस्तार से है।
पहले अंक में `कवि सम्मेलन परिचय´ में जयपुर में 1971 से चल रहे `महामूखü सम्मेलन का जिक्र किया गया है। देश भर में पिछले माह हुए कवि सम्मेलनों की भी एक संक्षित रिपोर्ट दी गई है। बहस के अंतर्गत कवि सम्मेलन में पैरोडिया़ क्यों हो न हो है। कहत कबीर सुनो भई साधो में राजनीतिक खबरों पर क्षणिकाओं के जरिए कटाक्ष किया गया है। ताराप्रकाश जोशी, किशन सरोज और डॉ. कीर्ति काले के गीतों को जगह दी गई है। पाकिस्तानी शायर अहमद फराज को श्रद्धांजलि स्वरूप एक लेख लिखा गया है। मैग्जीन में चार हास्य लेखों को भी जगह दी है। ब\"ाों की दुनिया, भविष्य फल और कविता से जुड़ी पुस्तक की समीक्षा भी नियमित रूप से दी जाएगी। यानी कुल मिलाकर 64 पन्नों में कवि, कविता और उससे जुड़े सभी पक्षों को जगह दी गई है।
पुस्तक प्राप्त करने के लिए सुरेंद्र दुबे से 7 झ 9 जवाहर नगर, जयपुर (मो. 9829070330) और डॉ. कीर्ति काले, द्वारका नई दिल्ली (मो. 9868296259) पर संपर्क किया जा सकता है। आप kavi@surendradube.com पर ई मेल भी कर सकते हैं।
पहला अंक बाकी मैग्जीन्स के प्रवेशांक की तुलना में सुंदर और पठनीय बन पड़ा है। यह अपने आप में इकलौती पत्रिका है, जिसमें कविता और उससे जुड़ी जानकारी विस्तार से है।
पहले अंक में `कवि सम्मेलन परिचय´ में जयपुर में 1971 से चल रहे `महामूखü सम्मेलन का जिक्र किया गया है। देश भर में पिछले माह हुए कवि सम्मेलनों की भी एक संक्षित रिपोर्ट दी गई है। बहस के अंतर्गत कवि सम्मेलन में पैरोडिया़ क्यों हो न हो है। कहत कबीर सुनो भई साधो में राजनीतिक खबरों पर क्षणिकाओं के जरिए कटाक्ष किया गया है। ताराप्रकाश जोशी, किशन सरोज और डॉ. कीर्ति काले के गीतों को जगह दी गई है। पाकिस्तानी शायर अहमद फराज को श्रद्धांजलि स्वरूप एक लेख लिखा गया है। मैग्जीन में चार हास्य लेखों को भी जगह दी है। ब\"ाों की दुनिया, भविष्य फल और कविता से जुड़ी पुस्तक की समीक्षा भी नियमित रूप से दी जाएगी। यानी कुल मिलाकर 64 पन्नों में कवि, कविता और उससे जुड़े सभी पक्षों को जगह दी गई है।
पुस्तक प्राप्त करने के लिए सुरेंद्र दुबे से 7 झ 9 जवाहर नगर, जयपुर (मो. 9829070330) और डॉ. कीर्ति काले, द्वारका नई दिल्ली (मो. 9868296259) पर संपर्क किया जा सकता है। आप kavi@surendradube.com पर ई मेल भी कर सकते हैं।
6 comments:
Good reporting on a good magzine. Thanks for this information.
acchi baat hai
acchi baat hai
जानकारी के लिए शुक्रिया
I think tats an excellent initiative taken by MR. Surendra Dube!!!!!!!!!! i wish him all the best for this.....
जानकारी के लिए शुक्रिया
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