Shuruwat : जिंदगी सिखाती है कुछ
Saturday, March 15, 2008
पढने की नहीं, देखने की चीज है
यूं तो मेल पर कई बार अच्छी तस्वीरे, संदेश आते हैं। पहली बार एक मित्र के भेजे चित्रों को आपको दिखा रहा हूं। और स्पष्ट देखने हों तो इन पर क्लिक करें।
वैसे एक खास बात कि ये सब बनाए गए हैं, खाने पीने की चीजों से देखिए और पहचानिए।
3 comments:
Anonymous said...
bahut sundar hai
March 15, 2008 at 6:01 AM
सोनाली सिंह
said...
बहुत अच्छा है !
March 15, 2008 at 6:57 AM
Harinath
said...
hum dekhte hi hain. aur kuchh bhi nahi karte.
March 20, 2008 at 10:44 AM
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3 comments:
bahut sundar hai
बहुत अच्छा है !
hum dekhte hi hain. aur kuchh bhi nahi karte.
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